Mere Husband Ki Biwi Review in Hindi: तो भाइयो और बहनों, अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) की इस साल की मच अवेटेड फिल्म ‘मेरे हस्बैंड की बीवी (Mere Husband Ki Biwi)’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म का डायरेक्शन किया है मुदस्सर अजीज ने जो इससे पहले हैप्पी भाग जाएगी, पति-पत्नी और वो और खेल खेल में जैसी फ़िल्में बना चुके हैं. मुदस्सर की इन सभी फिल्मों को देखते हुए इस फिल्म से भी सभी को काफी उम्मीदें है. लेकिन क्या ‘मेरे हस्बैंड की बीवी’ उन सभी उम्मीदों पर खरी उतर पाई है या नहीं? आइये इसके बारे में डिटेल में बात कर लेते हैं.
Mere Husband Ki Biwi Storyline in Hindi – मेरे हस्बैंड की बीवी फिल्म की कहानी
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सबसे पहले फिल्म ‘मेरे हस्बैंड की बीवी’ की स्टोरी लाइन के बारे में बात कर लेते हैं. इस फिल्म की शुरुआत होती है दिल्ली में रहने वाली अंकुर चड्डा यानी कि अर्जुन कपूर के साथ जो अपनी पत्नी प्रभलीन चड्डा यानि कि भूमि पेडनेकर से काफी परेशान है और इसी वजह से ये दोनों अलग भी हो चुके हैं. लेकिन अंकुर के इस बुरे वक्त में उसका दोस्त कुरेशी यानी कि हर्ष गुजराल हमेशा उसके साथ रहता है.
इसी बीच अंकुर इन सब से उभरने के लिए अपना फैमिली बिजनेस संभालने का फैसला लेता है और इसी के चलते वह ऋषिकेश चला जाता है. ऋषिकेश में उसे अपनी कॉलेज की फ्रेंड अंतरा खन्ना यानि कि रकुल प्रीत सिंह मिलती है. दोनों काफी नजदीक आ जाते हैं लेकिन अंकुर अपनी पिछली लाइफ के बारे में अंतरा से कुछ नहीं छुपाता और उसे सब कुछ बता देता है. अंतरा को यह बात पसंद आती है और दोनों के बीच प्यार हो जाता है.
सब कुछ ठीक चल रहा होता है लेकिन तभी अचानक से अंकुर की पत्नी प्रभलीन दोनों के बीच आ जाती है. दरअसल प्रभलीन का एक एक्सीडेंट होता है जिसमें उसकी पिछले 5 साल की याददाश्त चली जाती है. यानी कि अंकुर के साथ उसकी लड़ाई झगड़ा उसे याद नहीं है, सिर्फ अच्छे पल ही याद हैं. ऐसे में प्रभलीन और अंतर दोनों ही अंकुर को पाने की कोशिश करती हैं और इसके लिए वो कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाती हैं. यह मामला किस हद तक आगे बढ़ता है और अंकुर किसे मिलता है? यह सब जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी.
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Mere Husband Ki Biwi Review in Hindi
वैसे ‘मेरे हस्बैंड की बीवी’ फिल्म का प्लस पॉइंट सिर्फ और सिर्फ हर्ष गुजराल है जिन्होंने समय-समय अपने डायलॉग्स से ऑडियंस को हंसाने के काम किया है और उसमे वो कामयाब भी हुए हैं. बाकी कॉमेडी के नाम पर फिल्म में कुछ भी खास नहीं है. वहीँ दूसरी ओर फिल्म की कहानी इंटरेस्टिंग जरूर है लेकिन कमजोर राइटिंग की वजह से पूरी कहानी बिखरी हुई लगती है.
साजन चले ससुराल से मिलता जुलता प्लाट
बेशक कहानी इंटरेस्टिंग लगती है लेकिन जिन्होंने गोविंदा की फिल्म साजन चले ससुराल देखी है उसका प्लाट भी कुछ ऐसा ही था. क्योंकि गोविंदा ये सोचते हैं कि उनकी पत्नी करिश्मा कपूर मर चुकी है इसलिए वो तब्बू से शादी करने को तैयार हो जाते हैं लेकिन इसी बीच करिश्मा कपूर इनकी जिंदगी में वापिस आ जाती है. यहाँ अर्जुन कपूर जान बूझ कर अपनी बीवी से पीछा छुड़ाते हैं और दूसरी शादी करना चाहते हैं और इसमें उनकी पत्नी दोबारा एंट्री लेती है.
बाकी फिल्म के कई सीन्स आपको सोनू के टीटू की स्वीटी, दे दे प्यार दे और हाउसफुल सीरीज की याद दिला देंगे. फिल्म में कई जगह कॉमेडी ठीक ठाक है लेकिन कई सीन्स ऐसे भी हैं जिन्हें देखकर आपका सर दर्द करने लग जायेगा. ये भी हो सकता है कि आप फिल्म को बीच में ही छोड़कर चले जाएँ. क्योंकि ये एक कॉमेडी फिल्म है और फिल्म में कॉमेडी ना हो तो कैसे चलेगा.
छावा के आगे टिक पाना मुश्किल
वैसे भी इन दिनों थियेटरों में विक्की कौशल की फिल्म छावा चल रही है जिसे ऑडियंस की तरफ से शानदार रिस्पोंस मिल रहा है. ऐसे में मेरे हस्बैंड की शादी को ऑडियंस मिल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा लग रहा है. बाकी समय बताएगा.
फिल्मी फ्राइडे की तरफ से ‘मेरे हस्बैंड की बीवी’ फिल्म को मिलते हैं 2/5 स्टार. फिल्म फैमिली के साथ देखने लायक है लेकिन सिर्फ कॉमेडी देखना चाहते हैं तो ये आपको निराश कर सकती है.
Special Request
दोस्तों, अगर आप अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) स्टारिंग ‘मेरे हस्बैंड की बीवी (Mere Husband Ki Biwi)’ देख चुके हैं तो बताइये आपको ये फिल्म कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दें. जानकरी पसंद आई हो तो पोस्ट को शेयर करना बिलकुल ना भूलें, धन्यवाद.