L2 Empuraan Movie Review in Hindi: मलयालम फिल्मों का बोलबाला इन दिनों जोरों पर है. पिछले कई महीनो में थिएटर या फिर ओटीटी पर कई ऐसी मलयालम फिल्में रिलीज हुई हैं जिन्होंने ऑडियंस पर एक अलग ही छाप छोड़ी है. यही वजह है कि मलयालम सिनेमा से ऑडियंस को उम्मीद भी काफी बढ़ गई है. ऐसे में एक नई फिल्म रिलीज हुई है जिसका नाम है एल 2: एम्पुरान (L2: Empuraan). तो क्या L2: Empuraan ऑडियंस की उन सभी उम्मीदों पर खरी उतरी है या नहीं? आइये डिटेल में बात करते हैं.
2019 में आई इस फिल्म का प्रीक्वल है एम्पुरान
दरअसल यह फिल्म साल 2019 में रिलीज हुई मोहनलाल (Mohanlal) स्टारिंग लुसिफर (Lucifer) की प्रीक्वेल है. लुसिफर के बारे में बात करें तो इस फिल्म का डायरेक्शन भी प्रथ्विराज सुकुमारन (Prithviraj Sukumaran) ने ही किया था और फिल्म में मोहनलाल लीड रोल में थे. फिल्म ऑडियंस को काफी पसंद आई जिसने बॉक्स ऑफिस पर भी कई रिकॉर्ड्स कायम किये थे.
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L2 Empuraan Movie Plot in Hindi
जैसा कि हमने बताया कि यह लुसिफर सीरीज का दूसरा पार्ट है तो लुसिफर 2 की स्टोरी लाइन के बारे में बात करें तो एक ईमानदार सीएम है जो इस दुनिया से को छोड़कर जा चुका है. उसके बाद उसका एक दामाद है जो भ्रष्टाचार में लीन हो चुका था लेकिन वह भी जा चुका है. उसका बेटा है और वो भी गलत रास्ते पर है. ऐसे में केरल में चारों तरफ अराजकता फैली हुई है. अब केरल को कौन बचाएगा? जी हां आपने सही सोचा. उम्मीद है सिर्फ एक और वो है लुसिफर. लेकिन वह है कहां?
क्योंकि वो 5 साल पहले गायब हो गया था और लुसिफर के भी अलग ही पंगे चल रहे हैं. ऐसे में वो केरल वालों की मदद कर पाएगा या नहीं? अगर हाँ तो फिर कैसे? यह सब जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी.
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L2 Empuraan Movie Review in Hindi
फिल्म के बारे में बात करें तो देखा जाए तो फिल्म में वो सब है जो आजकल की ऑडियंस देखना पसंद करती है. जैसे कि स्टार कास्ट की परफॉर्मेंस, जबरदस्त एक्शन सीक्वेंस और इन सबके साथ-साथ इमोशन का तड़का भी देखने को मिलता है. फिल्म का एकमात्र नेगेटिव पॉइंट है इस फिल्म की कहानी और साथ ही उसकी बड़ी लेंथ. जी हां यह फिल्म लगभग 3 घंटे की है जिसमें कहानी पर और भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए था.
फिल्म की कहानी पर उतना ठीक ढंग से काम नहीं किया गया है जितना कि जरूरत थी. यही वजह है कि सेकंड हाफ के बाद से कहानी सिर्फ एक ही दिशा में चलती है और कई जगह तो आपको बोर भी कर देगी. क्योंकि सेकंड हाफ के बाद हीरो का एक ही मकसद रह जाता है कि उसे विलेन को खत्म करना है. इसलिए ऐसा भी हो सकता है कि आधी से ज्यादा ऑडियंस इंटरवल के बाद से थियेटर छोड़ जाए.
मलयालम टच की कमी
इन सबके अलावा जैसा कि हमने शुरुआत में बताया कि इन दिनों मलयालम फिल्मों का चलन जोरों पर चल रहा है. ऐसे में खासकर मलयालम फिल्मों से साउथ इंडिया के साथ और नॉर्थ इंडिया वालों की भी उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं. इसलिए ऐसा नहीं है कि यह फिल्म खराब है. इतना जरूर है कि इस फिल्म से उम्मीदें कुछ ज्यादा हैं. यही वजह है कि ये फिल्म उन सभी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई है.
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स्टार कास्ट की परफॉरमेंस
पूरी फिल्म में मोहनलाल के जबरदस्त डायलॉग्स, एक्शन सीक्वेंस और उनका स्क्रीन प्रिजेंस बेहद ही कमाल का है. साथ ही फिल्म का डायरेक्शन पृथ्वीराज सुकमारान ने किया है और फिल्म के अंदर भी उन्होंने अपना करेक्टर बखूबी निभाया है. इनके साथ-साथ मंजू वॉरियर (Manju Warrier) ने भी अपने किरदार में जान डाल दी है.
इन सब के अलावा फिल्म में टोविनो थॉमस (Tovino Thomas) भी दिखाए गए हैं लेकिन फिल्म में उनका रोल काफी छोटा है. उन्हें ज्यादा मौका नहीं दिया गया. मेन विलेन के रोल में अभिमन्यु सिंह (Abhimanyu Singh) को दिखाया गया है जो अपने कलेक्टर में काफी दमदार नजर आए हैं.
ओवरऑल देखा जाए तो सेकंड हाफ तक यह फिल्म काफी अच्छी है लेकिन सेकंड हाफ के बाद से यह एक टिपिकल साउथ इंडियन मसाला फिल्म बनकर रह जाती है. इसलिए काफी ऑडियंस इससे निराश हो सकती है. वैसे फिल्मी फ्राइडे की तरफ से एल 2: एम्पुरान (L2: Empuraan) को मिलते हैं 3/5 स्टार.
Special Request:
दोस्तों, अगर आपने मोहनलाल और प्रथ्विराज सुकुमार की फिल्म एल 2: एम्पुरान (L2: Empuraan) देख ली है तो बताइये आपको ये फिल्म कैसी लगी? कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरुर दें. जानकारी पसंद आई हो तो पोस्ट को शेयर करना ना भूले, धन्यवाद.