Real Life Story of Chandu Champion: 9 गोलियां लगीं, गोल्ड मैडल जीता, फिर भी एक अवॉर्ड के लिए तरसते रहे चंदू चैंपियन उर्फ़ मुरलीकांत पेटकर

Who is Murlikant Petkar? Know All About Life Journey of Real Life Chandu Champion

Real Life Story of Chandu Champion: जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कार्तिक आर्यन इन दिनों अपनी फिल्म चंदू चैंपियन को लेकर काफी चर्चा में हैं. फिल्म इस शुक्रवार यानि कि 14 जून को रिलीज़ के लिए पूरी तरह तैयार है. मेकर्स फिल्म के प्रमोशन में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. हाल ही में फिल्म का ट्रेलर बुर्ज खलीफा पर भी दिखाया गया था. उम्मीद की जा रही है कि कार्तिक आर्यन स्टारिंग चंदू चैंपियन बॉक्स ऑफिस पर काफी अच्छी कमाई कर सकती है.

Real Life Story of Chandu Champion

क्या चंदू चैंपियन एक रियल स्टोरी है? (Whose biopic is Chandu Champion?) जी हाँ, चंदू चैंपियन एक रियल लाइफ पर आधारित फिल्म है. इस फिल्म में कार्तिक आर्यन ने देश के जांबाज आर्मी ऑफिसर और बॉक्सिंग चैंपियन रह चुके मुरलीकांत पेटकर वाला किरदार निभाया है. वैसे तो ये सच्ची कहानी पर आधारित फिल्म है और इसके ट्रेलर में भी काफी कुछ दिखाया गया है लेकिन कई बातें ऐसी भी हैं जोकि हमें फिल्म देखने के बाद ही पता चलेंगी.

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Murlikant Petkar Biography in Hindi

मुरलीकांत पेटकर के बारे में बात करें तो इनका जन्म 1 नवंबर 1944 को महाराष्ट्र के सांगली में एक छोटे से घर में हुआ था. बचपन से ही पेटकर का मन खेलकूद में रहता था. 12 साल के होते होते मुरलीकांत की जिंदगी में ऐसा टर्निंग प्वाइंट आया जिससे इनकी लाइफ पूरी तरह बदल गई. उस टाइम बताया जाता है कि मुरलीकांत ने अखाड़े में अपने ही गांव के मुखिया के बेटे को हरा दिया. बस फिर क्या था उनका उत्साह और भी बढ़ गया.

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बताया जाता है इस कुश्ती में जीतने पर मुरली को ईनाम में 12 रुपये मिले थे और तभी उन्होंने गांव छोड़ने का फैसला कर लिया और ईनाम के 12 रुपये लेकर घर से भाग गए. इसके बाद शुरू हुआ इनकी लाइफ का असली स्ट्रगल. इसके कुछ टाइम बाद मुरलीकांत ने आर्मी ज्वाइन कर ली और वहीँ पर ही इन्होने बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी.

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महज 20 साल की उम्र में जीत लिया गोल्ड मैडल

बात है साल 1964 की जब मुरली टोक्यो में ‘इंटरनेशनल सर्विसेज स्पोर्ट्स मीट’ में शामिल हुए और इसमें उन्होंने बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल भी जीता. इसके बाद जब वो वापस आये तो इन्हें जम्मू-कश्मीर भेज दिया गया. यहाँ पर शुरू हुई इनकी असली परीक्षा. क्योंकि ये ही वो दौर था जब इन्हें 9 गोलियां लगीं.

आपको बता दें कि सितंबर 1965 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच जंग तेज हुई तो उस समय मुरलीकांत सियालकोट के आर्मी कैंप में थे. यही वो समय था जब पाकिस्तान ने अचानक से भारत पर आसमान से हवाई हमला कर दिया. इसी के चलते पेटकर को 9 गोलियां लगीं. जाहिर सी बात कि वहां पर इतनी अफरा तफरी हुई कि आर्मी की एक जीप घायल पड़े मुरलीकांत को रौंदकर चली गई और किसी को पता भी नहीं चला.

पेटकर काफी टाइम तक वहीँ पड़े रहे और तब जाकर उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया गया. पूरी तरह से ठीक होने में मुरलीकांत को पूरा दो साल का लंबा समय लग गया था. मुरलीकांत साहब का हौंसला फिर भी नहीं टूटा. इन सब के बावजूद वो फिर से मैदान में उतरे और शॉट-पुट, टेबल टेनिस, डिस्कस थ्रो, जैवेलिन थ्रो और तीरंदाजी जैसे खेलों में भी देश का खूब नाम रोशन किया. इन सबके बाद पेटकर 1968 में आर्मी से रिटायर हो गए.

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रिटायर होने के बाद भी नहीं रुके पेटकर

70 के दशक में जब उनके पास कुछ काम नहीं था तो उस समय टाटा ग्रुप ने उन फौजियों की मदद के लिए कदम उठाया जो जंग में विकलांग हो चुके थे. लेकिन मुरलीकांत ने इसके लिए मना कर दिया और कहा कि अगर वो कुछ करना चाहते हैं तो उन्हें काम दे दीजिये. इसके बाद मुरलीकांत उर्फ चंदू चैंपियन ने 30 साल तक टाटा की कंपनी में भी काम किया.

2018 में मिला पद्मश्री

वैसे देखा जाए तो मुरलीकांत जी ने देश के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाया लेकिन समय रहते उन्हें देश से कोई बड़ा सम्मान नहीं मिल पाया. इसकी वजह से वो सरकार से काफी नाराज थे. बताया जाता है कि अर्जुन अवॉर्ड पाने के लिए उन्होंने सरकार को चिट्ठी लिखी थी लेकिन सरकार उनकी वो मांग खारिज कर दी. हालांकि 2018 में में उन्हें ख़ुशी तब मिली जब उन्हें पद्मश्री के लिए सम्मानित किया गया.

क्या कार्तिक आर्यन करेंगे इंसाफ?

ये तो थी चंदू चैंपियन उर्फ़ मुरलीकांत पेटकर की रियल लाइफ स्टोरी जोकि हम सभी के लिए काफी प्रेरणादायक है. लेकिन क्या कार्तिक आर्यन बड़े पर्दे पर इस स्टोरी के साथ इंसाफ कर पाएंगे? खैर ये तो फिल्म के आने के बाद ही पता चलेगा. वैसे फिल्म का डायरेक्शन कबीर खान ने किया है जो इससे पहले बॉलीवुड कई बेहतरीन फिल्में बना चुके हैं. यही वजह है कि मेकर्स के साथ-साथ ऑडियंस को भी इस फिल्म से काफी उम्मीदें हैं.

Special Request:

दोस्तों, मुरलीकांत पेटकर साहब की ये प्रेरणादायक कहानी सुनकर आप क्या कहना चाहेंगे? साथ ही कार्तिक आर्यन की फिल्म चंदू चैंपियन से आपको कितनी उम्मीदें हैं? इस बारे में भी अपनी राय कमेंट में जरूर लिखें. ये जानकारी पसंद आई हो तो पोस्ट को शेयर करना ना भूलें, धन्यवाद.

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